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शुक्रवार, 8 मार्च 2013

रेशमी चॉकलेट

दर्द की उंगली थामे
जब तुम उतर रहे होगे
निराशा की सीढियां..
दो अदृश्य हाथ
तुम पर कस रहे होंगे
अपनी स्नेह डोर की गाँठ
कि जब भी थोड़ा ठिठको
तो खींच सके पूरे ज़ोर से
तुम्हें बाहर रोशनी की ओर ....

एक छींक भी तुम्हें
ये एहसास कराने को काफ़ी होगी
कि कोई होगा जो ऐन उसी वक्त
दुआ में कह रहा होगा
गॉड ब्लेस्स यू..

आँख से टपके एक आंसू को
गाल से हटाते समय
तुम पहुंचा ही दोगे खारापन
उन होठों तक
जिन्होंने तुम्हारे आंसुओं को चूमकर
दर्द पर फ़ाहे रख दिए थे कभी ..

अनायास ही तुम्हारा हाथ
पहुँच जाएगा बैग की बाहरी जेब तक
रेशमी चॉकलेट का रैपर खोलते
महसूस लोगे देने वाले का रेशमी स्पर्श भी
कड़वी मीठी ज़िन्दगी सी चॉकलेट
जैसे ही घुलेगी ज़ुबान पर
पोर पोर को स्नेह से सहलाता
फैल जाएगा उसका असर
निकाल ही लेगा तुम्हें
भंवर से ....

और विज्ञापन ये कहेगा कि
चॉकलेट किसी प्यारे दोस्त को
दिया जाने वाला प्यार का उपहार है
या कि डिप्रेशन दूर करने वाली
असरकारक दवा .... 



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