हथेलियों पर
जाने कब कैसे
गिर जाते हैं कुछ
सपनों के बीज
उगते हैं.. ..बढ़ते हैं
जाने कहाँ से पा जाते हैं
खाद पानी
प्रतिकूल परिस्थितियों में भी .
शायद इसी की तलाश में
बहुत गहरे हथेलियों में
बैठ जाती हैं जड़ें इनकी
वक़्त के झंझावात से
कुम्हलाये ...सूखे
ये सपनों के पौधे
गिरा देते हैं
सारी हरी पत्तियाँ
उम्मीदों की .
बंद मुट्ठियों में
सपनें, ..सूखे पत्तों से
चूर हो जाते हैं ..
नया खाद पानी
बनने को शायद
या शायद ..
सीचनें को जड़ें इनकी ..
आज एक ऐसा ही बीज
बो दिया है
अपनी संतति की
हथेली पर
जबकि जानती हूँ
सपना नहीं
नागफनी बोया है मैंने .
जाने कब कैसे
गिर जाते हैं कुछ
सपनों के बीज
उगते हैं.. ..बढ़ते हैं
जाने कहाँ से पा जाते हैं
खाद पानी
प्रतिकूल परिस्थितियों में भी .
शायद इसी की तलाश में
बहुत गहरे हथेलियों में
बैठ जाती हैं जड़ें इनकी
वक़्त के झंझावात से
कुम्हलाये ...सूखे
ये सपनों के पौधे
गिरा देते हैं
सारी हरी पत्तियाँ
उम्मीदों की .
बंद मुट्ठियों में
सपनें, ..सूखे पत्तों से
चूर हो जाते हैं ..
नया खाद पानी
बनने को शायद
या शायद ..
सीचनें को जड़ें इनकी ..
आज एक ऐसा ही बीज
बो दिया है
अपनी संतति की
हथेली पर
जबकि जानती हूँ
सपना नहीं
नागफनी बोया है मैंने .
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