एक मील का पत्थर है
कहता कुछ नहीं
दिखाता रहता है
सिर्फ़ दूरियाँ...
एक पत्थर है संगेमरमर
ताजमहल में जड़ा
महान प्रेम के बेजान सुबूत सा ...
एक पत्थर है कोयला
दर्द के अंधेरों में दबा सदियों से
छूने से उँगलियों पर चिपक जाते हैं
सियाह से कुछ कन इसके.....
एक पत्थर चकमक भी है
दावानल की पहली चिंगारी
खुद में संजोये
अपनी अगन से
सब भस्म कर देने को आतुर .....
एक और पत्थर है हीरा
तेज़ धार आरियों से
तराशे जाने को अभिशप्त
ज़ुबान पर रखने भर से
खत्म कर देता है जीवन का हर निशान....
एक और पत्थर है पारस
स्पर्श मात्र से कुंदन कर देता है
जैसे सारी पीड़ा हर के
मन को कर दे खरा सोना ....
और एक पत्थर हो तुम भी
ये सारे गुन हैं तुम में .
कहता कुछ नहीं
दिखाता रहता है
सिर्फ़ दूरियाँ...
एक पत्थर है संगेमरमर
ताजमहल में जड़ा
महान प्रेम के बेजान सुबूत सा ...
एक पत्थर है कोयला
दर्द के अंधेरों में दबा सदियों से
छूने से उँगलियों पर चिपक जाते हैं
सियाह से कुछ कन इसके.....
एक पत्थर चकमक भी है
दावानल की पहली चिंगारी
खुद में संजोये
अपनी अगन से
सब भस्म कर देने को आतुर .....
एक और पत्थर है हीरा
तेज़ धार आरियों से
तराशे जाने को अभिशप्त
ज़ुबान पर रखने भर से
खत्म कर देता है जीवन का हर निशान....
एक और पत्थर है पारस
स्पर्श मात्र से कुंदन कर देता है
जैसे सारी पीड़ा हर के
मन को कर दे खरा सोना ....
और एक पत्थर हो तुम भी
ये सारे गुन हैं तुम में .
और एक पत्थर हो तुम भी
जवाब देंहटाएंये सारे गुन हैं तुम में .atisundar
बेहद खूबसूरती से तूलिका तुमने विभिन्न पत्थरों के गुण-अवगुण को अपने ध्यान में रखकर....इसको रचा .यार यह सब गुण उसमें पाए जाते हैं जिसने कभी टूट के प्यार किया हो...दिल में किसी को बसाया हो..चाहा हो..पर उससे मिल ना पाया हो....टूट के प्रेम करने पे अधिकांशतः ऐसा ही होता है कि जिससे प्रेम हुआ ...वो ना मिले ,तो...दिल पत्थर सरीखा ही हो जाता है ...इस संसार की कोई चीज़ लुभाना बंद कर देती है.
जवाब देंहटाएंमील के पत्थर की अपनी त्रासदी है...खड़े रहना एक जगह और..बताने फासले
कोयला ...सदियाँ बीत जाने पे हीरे में परिवर्तित होने का एक अवसर होता है...इसके पास.
चकमक...खैर मुझे बचपन से ही आकर्षित करता है,बहुत.
पारस....अपनों का साथ...यूँ भी तन-मन दोनों को कुंदन कर देता है.
हीरा.....अपने लिए अभिशप्त...जो पाए वो मस्त .
संगेमर मर.....उसका नाम ही है साथ में मर...इसी से मरे हों के लिए ताजमहल बनाने में इसका इस्तेमाल हुआ...मजाक है...पता है...हंसना भी होता है...अच्छा ..हंस मत...मुस्कुरा ही दे
पत्थर के अलग अलग रूपों को बहुत ही अच्छे शब्द दिये हैं हैं मैम!
जवाब देंहटाएंसादर
और एक पत्थर हो तुम भी
जवाब देंहटाएंये सारे गुन हैं तुम में .... अब तुम खुद अपनी व्याख्या कर लो , मील का पत्थर भी , जानलेवा भी , भस्म करने से लेकर पारस तक के गुण
और एक पत्थर हो तुम भी
जवाब देंहटाएंये सारे गुन हैं तुम में .
बहुत खूबसूरती से तराशा है आपने शब्दों से हर एक पंक्ति को ...
http://kuchmerinazarse.blogspot.in/2012/05/blog-post_05.html
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा रचना !
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - ज़िंदा रहना है तो चलते फिरते नज़र आओ - ब्लॉग बुलेटिन
सारे गुण-अवगुण इंसान में हैं -आदमी-आदमी अंतर ,कोई हीरा कोई कंकर !
जवाब देंहटाएंBehtareen rachna,pathar me bhi jaan hai...
जवाब देंहटाएं